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डॉ शंकर दयाल शर्मा स्वतंत्र भारत के नौंवे राष्ट्रपति थे। वे एक गंभीर, संजीदा और प्रतिबद्ध व्यक्तित्व के इंसान थे और अपने कामों को पूरी लगन एवं समय पर पूरा करते थे। श्रृंगेरी के शंकराचार्य ने उनको “राष्ट्र रत्नम” उपाधि प्रदान की थी| इंटरनेशनल बार असोसिएसन ने कानून की पढाई और उसमें योगदान के लिए उन्हें ‘द लिविंग लीजेंड्स ऑफ़ लॉ' के अवार्ड से सम्मानित किया था।
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