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आनंदीबेन पटेल एक तेजतर्रार, सख्त और कुशल प्रसाशक है। सख्त नेतृत्व के लिए उन्हें 'आयरन लेडी' की संज्ञा मिली हुई है। साफ़-सुथरी छवि उनकी सबसे बड़ी मजबूती है। राजनीती में आने से पूर्व वह अच्छी शिक्षक रह चुकी है। इसके लिए राष्ट्रपति की ओर से उन्हें सम्मानित किया जा चूका है। वर्तमान में वह गुजरात की मुख्यमंत्री के तौर पर चर्चित है।
आनंदीबेन पटेल |
आनंदीबेन का जन्म 21 नवम्बर, 1941 में उत्तरी गुजरात के खरोड़ गांव में हुआ। उनकी शुरुआती शिक्षा ऐसे स्कूल से हुई, जहां उनके आलावा शेष सात सौ विद्यार्थी लडके थे। उन्होंने स्नातक भी ऐसे कॉलेज से किया, जहां वह इकलौती छात्रा थी। आनंदीबेन के पति मफतभाई पटेल मनोविज्ञान के प्रोफ़ेसर व भारतीय जनता पार्टी नेता थे। उनकी वजह से वह राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ व भाजपा के संपर्क में आई। वह 1987 में औपचारिक तौर पर भाजपा में शामिल हुई और उन्हें पार्टी की महिला मोर्चा की जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्होंने सात साल तक इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। उन्हें पहली बार तब पहचान मिली, जब 1992 में वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने श्रीनगर में एकता यात्रा के दौरान तिरंगा फहराया। उस यात्रा के दौरान वह अकेली महिला नेता थी। इसके दो साल बाद 1994 में वह राज्यसभा सदस्य बनीं। 1998 में वह पहली बार मंडल विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुनी गई। केशूभाई पटेल की सरकार में वह शिक्षा मंत्री के साथ ही बाल व महिला कल्याण मंत्री भी रही। इसके बाद वह लगातार विधायक रही। इस दौरान उनके पास राजस्व, शिक्षा व शहरी विकास जैसे मंत्रालयों की जिम्मेदारी रही।वह 1970 से 2000 तक मोहनीबा विद्यालय में प्रायमरी स्कूल टीचर भी रहीं।