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मलेरिया संबंधी जो खोज रोनाल्ड रॉस ने की वह कड़ी मेहनत व जूनून की बेमिसाल गाथा है। भारत में जन्मे और तत्कालीन इंडियन मेडिकल सर्विस के अधिकारी डॉ. रोनाल्ड रॉस ने मच्छर की आंत में मलेरिया के रोगाणु का पता लगाकर यह तथ्य स्थापित किया था कि मच्छर मलेरिया का वाहक है और मच्छरों पर काबू पाकर इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। इस खोज ने इलाज में एक नए युग की शुरुआत की। रॉस को इस खोज के लिए नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया। सिकंदराबाद की भीषण गर्मी, अत्यधिक उमस और खुद मलेरिया के शिकार होते हुए भी उन्होंने एक हज़ार मच्छरों का डिसेक्शन किया। यह काम कितना कठिन था, जानिये उन्ही के शब्दों में :
डॉ. रोनाल्ड रॉस |
लेबल:
नोबेल पुरस्कार विजेता,
र,
वैज्ञानिक
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महामति प्राणनाथ, मध्ययुगीन भारत के अंतिम संत-कवि थे। उन्होंने अपना समस्त जीवन धार्मिक एकता के लिए समर्पित किया था। इसके लिए प्रणामी नामक एक नए पंथ की स्थापना की जिसमे सभी धर्म के लोग सम्मिलित हुए। उनकी वाणी का सार 'तारतम सागर' ग्रंथ में संकलित है जिसमे सभी धर्मों के दिव्य ज्ञान का निचोड़ प्रस्तुत किया गया है। अब यह प्रणामी संप्रदाय का प्रमुख और पवित्रतम ग्रंथ है।
लेबल:
भारतीय,
म,
महापुरुष
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शेक्सपियर विश्व के चोटी के कवि और नाटककार थे। उन्होने मानव जीवन की शाश्वत भावनाओं को बड़े ही कुशल कलाकार की भांति चित्रित किया है। उसके पात्र आज भी जीवित दिखाई देते है। शेक्सपीयर को 'बार्ड ऑफ एवॉन' नाम से भी जाना जाता है। बार्ड का हिंदी में अर्थ कवि होता है। शेक्सपियर की कविताऐं, नाटक, और चौपाइयां चार सौ से ज्यादा सालों तक गांव गांव में गायी जाती रही।
लेबल:
व,
साहित्यकार
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