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जीवन परिचय

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खगोल सागर



चार्ल्स मेसियर (26 जून 1730 - 12 अप्रैल 1817), एक फ्रांसीसी खगोलशास्त्री थे | उन्हे 'मेसियर सूचीपत्र' के लिए बेहतर जाना जाता है | मेसियर सूचीपत्र , नीहारिकाओं और तारा समूहों सदृश्य गहरी आकाशीय वस्तुओं की एक सुव्यवस्थित खगोलीय सूची है । इस सूची मे 110 वस्तुएँ है जिसे 'मेसियर वस्तु' कहा जाता है तथा अंग्रेजी के अक्षर M से दर्शाया जाता है ।


चार्ल्स मेसियर




विलियम हर्शेल जर्मन-मूल के अंग्रेज खगोलविद् और संगीतकार थे । उन्होंने 1770 के दशक में खगोल विज्ञान को अपनाया, अपना स्वयं का दूरबीन व दर्पण बनाया, और यूरेनस ग्रह की खोज के लिए 1781 में प्रसिद्धि पाई । उन्होंने यूरेनस (1787) और शनि (1789) के दो-दो उपग्रहों को भी खोजा । अनेकों दोहरे-तारों, नीहारिकाओं और तारा समूहों को अवलोकित और सूचीबद्ध किया । 1801 में पेरिस का दौरा कर लाप्लास और नेपोलियन बोनापार्ट से मुलाकात की । 1816 में उन्हें नाइट की उपाधि प्रदान की गई । 1822 में उनकी मृत्यु हुई। उनके कार्य को उनके ही इकलौते पुत्र जॉन फ्रेडरिक विलियम हर्शेल ने कायम रखा ।


विलियम हर्शेल  (फ्रेडरिक)





ट्युको ब्राहे एक डेनिश खगोल विज्ञानी थे। उनके कार्यों ने भविष्य की खोजों के लिए मार्ग प्रशस्त किया था।बीस साल से ज्यादा तक उन्होंने बिना दूरबीन की सहायता के रात्रि आसमान का सटीकता से अवलोकन किया था। तब दूरबीन का आविष्कार नहीं हुआ था । टाइको ने दुनिया की प्रथम वेधशाला बनाई। हजार से भी अधिक तारों की उन्होंने एक सूची बनाई। जोहानस केपलर ने ग्रहों की कक्षाओं के वर्णन के लिए टाइको के दस्तावेजों का प्रयोग कर टॉलेमी सिद्धांत का खंडन किया था।

ट्युको ब्राहे




इरेटोस्थेनेज एक यूनानी वैज्ञानिक थे। उन्होंने खगोल विज्ञान, भूगोल, और गणित का अध्ययन किया था। इरेटोस्थेनेज पृथ्वी के मापन के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने अपना अधिकांश जीवन मिस्र के अलेक्जेंड्रिया शहर में बिताया था।


इरेटोस्थेनेज



एडविन हबल ब्रह्मांड के विस्तार सिद्धांत के प्रवर्तक और परागांगेय खगोल विज्ञान के पितामह थे । हबल बीसवीं सदी के अग्रणी खगोलविदों में से एक थे । उन पर ही हबल स्पेस टेलीस्कोप का नामकरण हुआ था । 1920 के दशक में हमारी अपनी मिल्की वे आकाशगंगा के परे अनगिनत आकाशगंगाओं की उनकी खोज ने ब्रह्मांड की और उसके भीतर हमारे वजूद की समझ में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया था ।


एडविन हबल




निकोलस कोपर्निकस पोलिस मूल के गणितज्ञ, खगोलविद, वैज्ञानिक थे। उन्हें आधुनिक खगोल विज्ञान के संस्थापक के रूप में देखा जाता है। निकोलस अपने कोपर्निकस सिद्धांत के लिए मशहूर हुए। उनका सिद्धांत सूर्य को ब्रह्मांड के केन्द्र पर रखता है। उन्होंने यह भी जान लिया था कि पृथ्वी अपनी धूरी पर घूमने के साथ-साथ सूर्य का चक्कर भी काटती है । अब यह सिद्धांत सूर्य केन्द्रीय प्रणाली के रूप में स्थापित है। उनके समकालीन सौरमंडल के लिए टॉलेमी के भूकेन्द्रीय मॉडल में विश्वास करते थे । कोपर्निकस के सूर्य केंद्रीय मॉडल ने लोगों की धारणा को बदल कर रख दिया। उन्होंने दिखाया कि कैसे इस नई प्रणाली से ग्रहों की स्थिति की सही गणना कर सकते हैं। कभी प्रकाशित उनकी किताब 'डी रिवोल्युशनीबस ओर्बियम कोएलेस्टियम' खगोल विज्ञान के क्षेत्र की सबसे महत्वपूर्ण कृति समझी जाती है। 


निकोलस कोपर्निकस