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जीवन परिचय

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फखरुद्दीन अली अहमद एक अनुकरणीय व्यक्तित्व वाले इंसान थे । उनके व्यक्तित्व पर एक संपन्न परिवार से संबंधित होने की झलक साफ दिखाई पड़ती थी । वह हमेशा शोषण के प्रति आवाज उठाने के लिए तत्पर रहते थे । इसी उद्देश्य से उन्होंने मजदूर संघों का भी नेतृत्व किया । वह एक बेहद संयमित और अपने अपने लक्ष्यों के प्रति गंभीर व्यक्ति थे । अहमद अली 1974 से 1977 के दरम्यान भारत के राष्ट्रपति रहे।


फखरुद्दीन अली अहमद 




फखरुद्दीन अली अहमद का जन्म 13 मई 1905 को दिल्ली में हुआ था । उनके पिता असम से एक आर्मी डॉक्टर थे । उनकी प्रारंभिक शिक्षा भारत में हुई । उसके बाद कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की और 1927 में स्नातक किया । 1931 में वापस भारत लौटने पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुडे । 1935 में वें असम विधायिका के लिए चुने गए । 1938 में असम के वित्त और राजस्व मंत्री के तौर पर कुछ कराधान उपाय किये । 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध के फैलने पर कांग्रेस पार्टी का ब्रिटिश सत्ता के साथ एक टकराव हुआ और अहमद अली को एक साल की जेल हो गई । जल्द छूटने के बाद वह फिर से साढ़े तीन साल के लिए गिरफ्तार कर जेल भेज दिए गए, अगली रिहाई अप्रैल 1945 में हुई ।

1946 में अहमद अली को असं का महाधिवक्ता नियुक्त किया गया । वें इस पद पर छः वर्षों तक बने रहे । संसद में एक कार्यकाल के बाद वह फिर असम की राजनीति में लौटे । जनवरी 1966 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें अपने केबिनेट में शामिल किया । उनके अधीन कई विभाग थे- मसलन सिंचाई व ऊर्जा, शिक्षा, औद्योगिक विकास, और कृषी ।

अहमद अली 1974 में भारत के पांचवें राष्ट्रपति बने । 1975 में प्रधानमंत्री की सलाह पर उन्होंने संविधान की धारा 352 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग किया और देश की सुरक्षा के लिए आंतरिक खतरों के आधार पर आपातकालीन स्थिति का एक राज्य घोषित किया । 11 फरवरी 1977 को नई दिल्ली में उनकी मृत्यु हुई ।



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